जयपुर    दिल्ली निकलने से पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के राजभवन जाने की सूचना है। बताया जा रहा है कि वह कुछ देर बाद राज्यपाल कलराज मिश्रा से मुलाकात करने वाले हैं। गहलोत के राजभवन जाने की सूचना से उनके इस्तीफे की अटकलें लगाई जा रही हैं। गहलोत के कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ने की संभावना है और पार्टी ने साफ कर दिया है 'एक व्यक्ति, एक पद' के फॉर्मुले के तहत उन्हें राजस्थान में मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देना होगा। गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष के साथ राजस्थान में मुख्यमंत्री की कुर्सी भी अपने पास रखना चाहते थे। लेकिन राहुल गांधी ने साफ कर दिया था कि उदयपुर में लिए गए संकल्प पर कायम रहना होगा। इसके बाद गहलोत ने भी माना कि दोनों पद पर रहकर राष्ट्रीय अध्यक्ष की भूमिका से न्याय नहीं हो सकता है। गहलोत चाहते थे कि वह सीएम बनने के बाद इस्तीफा देंगे। लेकिन रविवार रात जिस तरह उनके समर्थक विधायकों ने विधायक दल की बैठक का बायकॉट किया और आलाकमान ने इस पर सख्ती दिखाई उसके बाद परिस्थितियां तेजी से बदली हैं।

दिल्ली जाकर शुरू करेंगे नामांकन की प्रक्रिया

पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट के बाद कांग्रेस नेतृत्व ने गहलोत को क्लीनचिट दे दी है। इसके बाद से ही उनके दोबारा कांग्रेस अध्यक्ष की रेस शामिल होने की उम्मीद जताई जा रही थी। पिछले 1-2 दिनों में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ समेत कुछ और वरिष्ठ नेताओं ने गहलोत से बात की है। पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने गहलोत से बात करने की जिम्मेदारी इन नेताओं को दी थी।

पायलट के नाम पर मानेंगे गहलोत?

गहलोत को मुख्यमंत्री का पद छोड़ने से ज्यादा दिक्कत उनके उत्तराधिकारी के रूप में सचिन पायलट को लाए जाने से है। 2020 में गहलोत के खिलाफ बगावत करने वाले पायलट को उनके कैंप के मंत्री गद्दार कहते हुए साफ कर चुके हैं कि पायलट उन्हें मंजूर नहीं हैं। गहलोत पायलट की जगह सीपी जोशी या अन्य किसी नेता को सीएम बनाना चाहते हैं। यदि गहलोत इस्तीफा भी देते हैं तो यह देखना दिलचस्प होगा कि हाईकमान पायलट को सीएम बनाती है या अशोक कैंप की मर्जी के मुताबिक किसी और नेता को आगे किया जाएगा।