मुंबई ।  महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा है कि भाजपा ने उनके ‘‘भोले-भाले'' पिता और शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे के साथ धोखा किया इसलिए वह खुद इस पार्टी के साथ चतुराई से पेश आते हैं और ‘हिंदुत्व की आड़ में उसके खेल' को अनदेखा नहीं कर सकते। मुख्यमंत्री ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष और अपने से अलग रह रहे चचेरे भाई राज ठाकरे पर परोक्ष हमला करते हुए कहा कि वह ‘हिंदुत्व के नये पैरोकारों' की तरफ ध्यान नहीं देते। उन्होंने मनसे का नाम लिये बिना कहा कि पार्टी प्रयोग करके देख रही है कि उसके लिए क्या कारगर है।
मराठी अखबार ‘लोकसत्ता' द्वारा आयोजित एक परिचर्चा में ठाकरे ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर बाल ठाकरे के जीते जी उन्हें धोखा देने का आरोप लगाया, जब दोनों दल मिलकर राजनीति कर रहे थे। उन्होंने कहा, ‘‘आरोप लगता है कि शिवसेना वैसी नहीं रही जैसी बालासाहेब ठाकरे के समय थी। यह सही है। बालासाहेब भोले थे। मैंने खुद देखा है कि आपने समय-समय पर बालासाहेब को कैसे धोखा दिया है। इसलिए मैं आपसे थोड़ा चतुराई से पेश आ रहा हूं। मैं भोला नहीं हूं। वह हिंदुत्व की आड़ में आपके खेल की अनदेखी करते थे। लेकिन मैं नहीं करुंगा।''
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके पिता ने उनके अंदर हिंदुत्व के गुण भरे हैं। राज ठाकरे के बारे में पूछे जाने पर उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘‘मैं ऐसे लोगों पर ध्यान नहीं देता। कभी ये लोग मराठी का खेल खेलते हैं, कभी हिंदुत्व का खेल खेलते हैं। महाराष्ट्र की जनता ने ये सारे खेल देखे हैं।'' राज ठाकरे के भाषणों की ओर परोक्ष इशारा करते हुए उद्धव ने कहा, ‘‘पिछले दो साल में थियेटर और सिनेमाघर महामारी की वजह से बंद थे। इसलिए अगर कोई मुफ्त में मनोरंजन कर रहा है तो क्यों नहीं लुत्फ उठाया जाए।''
गौरतलब है कि राज ठाकरे रविवार शाम को औरंगाबाद में एक जनसभा को संबोधित करने वाले हैं। उद्धव ठाकरे ने यह भी कहा कि शिवसेना एक ‘हिंदुत्ववादी' पार्टी है। उन्होंने कहा कि ध्वनि प्रदूषण पर उच्चतम न्यायालय का फैसला पूरे देश के लिए है और केंद्र को इसे लागू करने के लिए आदेश जारी करना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने शीर्ष अदालत का आदेश नहीं पढ़ा है, लेकिन इसे समझने का प्रयास किया है।