कोलकाता । पश्चिम बंगाल में आगामी लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा ने अभी से कवायद शुरू कर दी है। पीएम नरेंद्र मोदी के निर्देश के बाद भाजपा आलाकमान ने मंत्रियों और सांसदों को सवा सौ से ज्यादा ऐसे लोकसभा क्षेत्रों में काम पर लगाया है, जहां भाजपा दूसरे नंबर पर रही और कम अन्तर से हारी थी। इन नेताओं को अगले दो साल लगातार वहां जाना है और अगले लोकसभा के चुनाव में वहां से भाजपा को जीत दिलानी है। इस निर्देश के बाद शिक्षा और कौशल विकास मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी अपने मुश्किल मिशन पर पश्चिम बंगाल निकल पड़े हैं। धर्मेंद्र प्रधान को कोलकाता उत्तर लोकसभा क्षेत्र की जिम्मेदारी मिली है।  वैसे भी बंगाल में भाजपा की एक-एक सीट पर कांटे की टक्कर होती है। पिछले विधानसभा चुनाव में 77 सीटें जीतने के बाद बीजेपी जोश में तो है। लेकिन भाजपा ये भी जानती है की ममता बनर्जी अगले लोकसभा के चुनाव में एक-एक वोट के लिए मुश्किलें खड़ी करेंगी। लेकिन धर्मेंद्र प्रधान पर आलाकमान का भरोसा इसलिए भी है क्योंकि वो सिंगूर में शुवेन्दू अधिकारी के क्षेत्र के चुनाव प्रभारी रहे, जहां से चुनाव में ममता बनर्जी को हार का सामना करना पड़ा था।
शिक्षा और कौशल विकास मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का 2 दिनों का प्रवास कोलकाता उत्तर की लोकसभा कोर कमेटी की बैठक के साथ शुरू हुआ। इस बैठक में धर्मेंद्र प्रधान ने जिले के सभी पदाधिकारियों और मंडल अध्यक्षों को बुलाकर तमाम कमियों पर माथापच्ची की। धर्मेंद्र प्रधान ने कोलकाता उत्तर निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा एससी मोर्चा के एक नेता के आवास पर दोपहर का भोजन किया और पार्टी के कार्यकर्ताओं से बातचीत भी की। वैसे भी भाजपा के ज्यादातर वरिष्ठ नेताओं के कार्यक्रम में आमतौर पर ये शामिल रहता है कि वे अपने प्रवास के दौरान पार्टी के किसी दलित या आदिवासी कार्यकर्ता के घर पर भोजन करते हैं। इससे पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ ही उस समूह विशेष में एक सकारात्मक संदेश भेजना भाजपा की कोशिश रहती है।