बेंगलुरु । कर्नाटक की बसवराज बोम्मई सरकार ने स्कूलों में मध्याह्न भोजन को लेकर बड़ा निर्णय लिया है। सरकार ने यहां छात्रों को मध्याह्न भोजन (मिड डे मील) के अंतर्गत अंडा देने को अपनी मंजूरी दी है। राज्य सरकार ने इस शैक्षणिक वर्ष में कक्षा 1-8 के छात्रों को मध्याह्न भोजन योजना के तहत 45 दिनों के लिए अंडे, केले और चिक्की को देने का आदेश जारी किया है। ये कार्यक्रम पहले केवल 7 पिछड़े जिलों में शुरू किया गया था। लेकिन अब सरकार ने इसे सभी जिलों में बढ़ाने का फैसला किया है। एक खबर के मुताबिक अन्य सभी जिलों के लिए इस योजना को राज्य सरकार द्वारा वित्त पोषित किया जा रहा है। इसे प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना के तहत नए तरह की गतिविधियों को शुरू करने के लिए मिली छूट के हिसाब से अनुमति दी जा रही है।
19 जुलाई के सरकारी आदेश में कहा गया है कि राज्यों के स्कूलों को इसके लिए खरीद कानूनों के अनुसार खरीदारी करनी होगी। सार्वजनिक निर्देश आयुक्त विशाल आर ने कहा कि हम इसे कक्षा 9 और 10 तक भी बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। इस योजना को इस महीने के अंत या अगले महीने की शुरुआत तक लागू कर दिया जाएगा। अभी यह योजना केवल कक्षा आठ तक ही लागू है। गौरतलब है कि कर्नाटक में धार्मिक भावनाओं के कारण मध्याह्न भोजन में अंडे देना हमेशा विवाद का विषय रहा है। कुछ लोगों ने अंडे और मांस को बच्चों के मिड डे मील के मेनू से बाहर रखने का सुझाव दिया था। इन लोगों का कहना था कि इसके बजाय शाकाहारी भोजन के माध्यम से बच्चों में पोषण को बढ़ाने की कोशिश सरकार को करनी चाहिए। इसके लिए शुद्ध शाकाहार से ही ताकतवर बने लोगों के उदाहरण दिए गए थे। बहरहाल अब कर्नाटक सरकार के फैसले के बाद अंडे को मिड डे मील में शामिल करने पर उठे विवाद के शांत होने की उम्मीद की जा सकती है।