भोपाल : लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने कहा कि नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराने के लिये निरंतर प्रयास जारी हैं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में मध्यप्रदेश देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है। मंत्री डॉ. चौधरी गुरूवार को मुस्कुराता बचपन उन्मुखीकरण-सह-प्रशस्ति वितरण समारोह के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे।

मंत्री डॉ. चौधरी ने कहा कि प्रदेश में नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराने के लिये जिला अस्पताल, सिविल अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र और उप स्वास्थ्य केन्द्र का सुदृढ़ीकरण किया गया है। डायलिसिस की सुविधा, सीटी स्केन, सोनोग्राफी जाँच सहित अनेक सुविधाएँ स्वास्थ्य संस्थाओें को उपलब्ध कराई गईं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य संस्थाओं में उपचार के लिये जरूरी जाँच, साधन और उपकरण उपलब्ध करवाये गये। स्थानीय स्तर पर स्वास्थ्य संस्थाओं की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये सम्पूर्ण कायाकल्प अभियान में स्वास्थ्य संस्थाओं के प्रमुखों को बजट उपलब्ध कराते हुए काम कराने के अधिकार दिये गये। इससे संस्थाओें में भवन मरम्मत और जरूरी सामग्री की उपलब्धता सहित अन्य कार्यों को किया गया है। मंत्री डॉ. चौधरी ने कहा कि शासकीय अस्पतालों में उपचार की बेहतर व्यवस्थाएँ की जा रही हैं। चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टॉफ द्वारा बेहतर कार्य किया जा रहा है। कोरोना काल की विपरीत परिस्थितियों में शासकीय अस्पतालों ने बेहतर कार्य कर प्रमाणित किया है और नागरिकों का भरोसा अर्जित किया है।

मंत्री डॉ. चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में प्रदेश को स्वास्थ्य के क्षेत्र में देश में नम्बर वन राज्य बनायेंगे। आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के रोड-मेप में स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी गई है। उन्होंने कहा कि बच्चों के स्वास्थ्य के लिये दस्तक अभियान में बेहतर कार्य किया गया है। स्वास्थ्य विभाग के मैदानी अमले ने गाँव में घर-घर दस्तक देकर प्रदेश को एनीमिया मुक्त बनाने और अभिभावकों को बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मंत्री डॉ. चौधरी ने दस्तक अभियान, आईडीसीएफ और शिशु स्वास्थ्य में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले अधिकारी-कर्मचारियों को सम्मानित किया।

अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान ने कहा कि जिला एवं विकासखण्ड में उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारी-कर्मचारियों को पुरस्कृत किया गया है। उन्होंने कहा कि उन्मुखीकरण निरंतर होने वाली प्रक्रिया है। अधिकारी-कर्मचारियों को अपनी क्षमताओं के अधिकतम उपयोग से सौंपे गये दायित्वों को शत-प्रतिशत पूरा करना चाहिये।

स्वास्थ्य आयुक्त डॉ. सुदाम खाड़े ने कहा‍कि बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर अभियान को जन-आंदोलन के रूप में क्रियान्वित किया जाये। मिशन संचालक एनएचएम दास ने बताया कि केन्द्र शासन के निर्देशानुसार दस्तक और सांस अभियान संचालित किया जाता है। इन अभियान में गंभीर कुपोषित बच्चों की पहचान, एनीमिया, निमोनिया, डायरिया आदि की पहचान और तत्काल उपचार के लिये घर-घर जाकर बच्चों की जाँच का अभियान संचालित किया जाता है। बीमार बच्चों को तत्काल उपचार और रेफर की व्यवस्था की जाती है। एनीमिया मुक्त भारत अभियान में इस बार पहली बार बच्चों में डिजिटल हीमोग्लोबिन मीटर से एनीमिया की जाँच की जा रही है।

मंत्री डॉ. चौधरी ने एनीमिया मुक्त मध्यप्रदेश विषय पर विद्यालयों के लिये पुस्तक और जीवन-चक्र आधारित एनीमिया एवं कुपोषण से बचाव संबंधी मार्गदर्शिका का विमोचन किया। दस्तक अभियान पर डॉक्यूमेंट्री का प्रदर्शन भी किया गया।