नई दिल्ली । कांग्रेस ने कहा है ‎कि वह संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान सीमा पर हालात अर्थव्यवस्था की स्थिति और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों के लिए आरक्षण जैसे विषयों पर चर्चा की मांग करेगी। हालांकि राहुल गांधी समेत इसके कई नेताओं के भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने के कारण संसद सत्र में भाग लेने की संभावना नहीं है। कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास पर पार्टी के संसदीय रणनीति समूह की बैठक हुई। इसमें पार्टी ने यह निर्णय भी लिया कि देश में संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर करने के मुद्दे को भी उठाया जाएगा। संसद सत्र सात दिसंबर से शुरू होगा और इसमें कांग्रेस ने सरकार को चीन के साथ सीमा के मुद्दे अर्थव्यवस्था के हालात और ईडब्ल्यूएस आरक्षण जैसे विषयों पर सरकार को घेरने की तैयारी कर ली है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि संसद के 17 दिनी सत्र के लिए उनकी पार्टी की ओर से ये बड़े मुद्दे सामने आए हैं। उन्होंने कहा ‎कि भारत और चीन के बीच पिछले 22 महीने से तनाव है और संसद में इस मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं हुई है। कांग्रेस चाहेगी कि इस विषय पर संसद में चर्चा हो।
बैठक में रमेश के अलावा कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी वरिष्ठ पार्टी नेता पी चिदंबरम के सी वेणुगोपाल मनीष तिवारी के सुरेश और मणिकम टैगोर आदि शामिल हुए। कांग्रेस संसद सत्र में महंगाई और रुपए के गिरते मूल्य के विषय के साथ वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) अधिक होने के मुद्दे को भी उठाएगी। रमेश ने बताया कि कांग्रेस अगले दो-तीन दिन में विपक्ष के नेताओं से बातचीत करेगी तथा इन विषयों पर संसद में चर्चा के लिए संयुक्त रणनीति की वकालत करेगी।