विदेशी बाजारों में भारी मंदी के चलते दिल्ली मंडी में बुधवार को ज्यादातर तेल-तिलहनों के भाव गिरावट के साथ बंद हुए। वहीं, इंदौर के खाद्य तेल बाजार में सोयाबीन रिफाइंड तेल 10 रुपये और पाम तेल के भाव में पांच रुपये प्रति 10 किलोग्राम की कमी हुई।
हालांकि तेल-तिलहन के भाव में गिरावट के बावजूद खुदरा मूल्य में कोई उतार-चढ़ाव ना होने से उपभोक्ताओं और किसानों को कोई लाभ नहीं हो रहा है। वैश्विक खाद्य तेलों में आई गिरावट का लाभ आम उपभोक्ताओं को दिलाने के लिए अब सरकार को कोई कारगर कदम उठाने होंगे, क्योंकि इन खाद्य तेलों की कीमतों के टूटने के बावजूद इन तेलों के एमआरपी जस के तस बने हुए हैं ।सूत्रों ने कहा कि पिछले साल के मुकाबले सोयाबीन के भाव लगभग आधे से कम रह गए हैं। खाद्य तेलों में भारी गिरावट के बावजूद तेल कंपनियों के एमआरपी ऊंचे बने हुए हैं, जिससे किसानों को भारी नुकसान हो रहा है। वहीं भारी मंदी से तेल उद्योग, आयातक और छोटे सरसों तेल मिल वाले कंगाली के कगार पर आ गये हैं।