Income Tax Return : अगर आपने अभी तक अपना ITR File नहीं किया है तो आपके पास आईटीआर फाइल करने के लिए 31 दिसम्बर तक का मौका हैं। इसके बाद आप अपना ITR फाइल नहीं कर सकेंगे। वित्त मंत्रालय ने हर उस शख्स को आयकर भरने की आवश्यकता बताई है जो 2.5 लाख रुपये सालाना कमाई करता है। इस साल 30 जुलाई ITR  भरने की आखिरी तारीख थी। 5.83 करोड़ से अधिक करदाताओं ने ITR भरा, लेकिन कई करदाताओं ने दिए ब्यौरे में गलतियां की हैं। इन गलतियों को सुधारने के लिए आयकर विभाग ने अपडेटेड आइटीआर फाइल करने के लिए 5 महीने का वक्त दिया था, जिसकी अवधि 31 दिसंबर को खत्म हो रही है।

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के अनुसार जिन करदाताओं ने ऑनलाइन गेम्स, लॉटरी या बेटिंग के जरिए कमाई की है और इसका ब्यौरा आइटीआर में नहीं दिया है तो उन्हें अपडेटेड आईटीआर फाइल कर उसमें यह ब्यौरा देना होगा। आयकर नियमों के अनुसार जिन करदाताओं ने अपने आईटीआर में गलत जानकारी भर दी है या फिर आधी अधूरी जानकारी भरी है उन्हें भी अपडेटेड आईटीआर भरना है।ऐसे अभिभावक जिनके बच्चे यूट्यूब, अभिनय या किसी अन्य तरीके से कमाई कर रहे हैं और उनकी कमाई का ब्यौरा आईटीआर में नहीं दिया गया है तो उन्हें अपडेटेड आईटीआर फाइल करना होगा। आयकर विभाग के अनुसार ऐसे करदाता जिन्होंने एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट फॉर्म में दी गई जानकारियों को बिना पुष्टि किए भर दिया है और वह गलत है तो उन्हें अपडेटेड आईटीआर फाइल करने की जरूरत है।

आयकर विभाग के अनुसार करदाताओं को अपडेटेड आईटीआर फाइल करने की समय सीमा 31 जुलाई के बाद शुरु हुई थी और इसके लिए 5 महीने का वक्त दिया गया था। आयकर टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 139 (5) के तहत करदाताओं को आइटीआर अपडेट करने की सुविधा दी गई है। अपडेटेड आईटीआर फाइल करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2022 है। जो करदाता इस समयसीमा तक अपडेटेड आईटीआर फाइल नहीं कर पाते हैं उन्हें आयकर विभाग के नोटिस का सामना करना पड़ सकता है या फिर मोटा जुर्माना भी भरना पड़ सकता है।आयकर विभाग के अनुसार जो भी करदाता ऑनलाइन गेम्स या लॉटरी से कमाए गए धन की जानकारी नहीं देंगे उन्हें इनकम टैक्स लॉ के तहत पेनाल्टी या लीगल एक्शन का सामना करना पड़ सकता है। वहीं, एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट फॉर्म में दी गई जानकारियों को गलत दर्शाने वाले करदाता भी आयकर विभाग के नोटिस से बचने के लिए रिवाइज या अपडेट आइटीआर भर सकते हैं।

अपडेट आईटीआर फाइल करने पर आयकर अधिनियम 1961 के 234F सेक्शन के तहत निर्धारित फाइन चार्ज करता है। अपडेट आइटीआर फाइल करने वाले छोटे करदाताओं यानी 2.5 लाख तक आय वालों के लिए 1,000 रुपये फाइन देना होता है। वहीं, जिनकी आय 5 लाख रुपये से अधिक है उन्हें 5,000 रुपये तक देने पड़ सकते हैं।