भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी पर भगवान गणेश की स्थापना होगी। इस बार गणेश चतुर्थी का पर्वकाल पाताल वासिनी धनदायक भद्रा तथा रवियोग की साक्षी में मनाया जाएगा। इसके साथ ही दस दिवसीय गणेश उत्सव की शुरुआत होगी। गणपति उत्सव के दस दिनों में विभिन्न उत्सव व त्योहार भी मनाए जाएंगे। ज्योतिषाचार्य पं.अमर डब्बावाला के अनुसार पंचांगीय गणना के अनुसार गणपति चतुर्थी पर रवियोग तो रहेगा ही, साथ ही शुक्ल योग में गणेश स्थापना का दिनभर शुभ मुहूर्त रहेगा। शुक्ल योग की अधिष्ठात्री देवी स्वयं माता पार्वती हैं और गणेश पार्वती पुत्र ही हैं। इसलिए इस योग में गणपति की स्थापना सुख, सौभाग्य तथा समृद्धि प्रदान करने वाली रहेगी। चतुर्थी के दिन बुधवार का दिन होना भी विशेष शुभ माना जा रहा है। विशेष यह भी है कि इस दिन दोपहर 3 बजकर 22 मिनट तक पाताल वासिनी भद्रा रहेगी। पाताल वासिनी भद्रा धनदायक मानी गई है। पंचांग की इन विशेषताओं को देखें तो गणेश चतुर्थी पर शुभ मुहूर्त में घर,प्रतिष्ठान, उद्योग, कार्यालय आदि में भगवान गणेश की स्थापना भक्तों को मनोरथ पूर्ण करने वाली रहेगी।

भद्रा पर भ्रम अनुचित, खुशी से मनाएं त्योहार
ज्योतिर्विदों का कहना है कि भद्रा की गणना ज्योतिषियों के उपयोग के लिए है, इसका प्रचार प्रसार नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से भ्रम की स्थिति पैदा होती है और लोग आनंद पूर्वक त्योहार नहीं मना पाते हैं। 11 अगस्त को रक्षाबंधन के संबंध में भी यही हुआ था। इस बार गणेश चतुर्थी पर पातालवासिनी भद्रा रहेगी। शास्त्रीय मान्यता में जो भद्रा पाताल में निवास करती है, उसका धरती पर किसी प्रकार से कोई प्रभाव ही नहीं रहता है, फिर ज्योतिष के जानकार पता नहीं क्यों वबाल मचाते हैं। मेरा समस्त हिन्दु धर्मावलंबियों से अनुरोध है कि त्योहार के दिन भद्रा, पंचक आदि किसी भी भ्रम में ना पड़कर खुशी खुशी त्योहार मनाएं। भगवान गणेश तो स्वयं ही सिद्ध मुहूर्त हैं, उन्हें भद्रा का दोष नहीं लगता है। इसलिए 31 अगस्त को गणेश चतुर्थी पर दिन में किसी भी समय पर भगवान गणेश की स्थापना की जा सकती है। वैसे गणपति पूजन के लिए मध्यान 12 बजे शुभ अभीजीत मुहूर्त विशेष है। इस समय गणपति स्थाना करना और भी शुभ माना जाता है। जहां तक भद्रा के प्रभाव का सवाल है, तो देवताओं पर इसका प्रभाव नहीं है। यह केवल मनुष्यों के लिए है, इसलिए रक्षाबंधन, विवाह, मुंडन, यज्ञनोपवतीत आदि संस्थारों के समय भद्रा का विचार किया जाता है।