रायपुर । देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर और चंडीगढ़ के शैक्षणिक भ्रमण पर गए महापौर व सभी पार्षद वापस लौट आए हैं। अध्ययन दल के सदस्यों ने बताया कि इंदौर शहर सफाई व्यवस्था को लेकर काफी गंभीर है। इंदौर नगर निगम सफाई पर प्रत्येक वर्ष ढाई सौ करोड़ रुपये खर्च कर रहा है। वहां की नालियां अंडरग्राउंड हैं। निगम ने ऐसा नियम बनाया है कि सड़कों पर मवेशियों का झुंड तथा नेताओं के जन्मदिन पर लगने वाले बैनर-पोस्टर नहीं दिखाई देते। वहां सफाई व्यवस्था जिम्मेदारी आठ हजार कर्मचारियों के हाथों में है।निगम समय-समय पर सफाई को लेकर लगातार जागरूकता अभियान चलाता है। यही कारण है कि पिछले पांच सालों से इंदौर नगर निगम सफाई में देशभर में अव्वल है। नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे ने बताया कि इंदौर देश का पहला ऐसा शहर है, जहां घरों से कचरे को अलग करके लिया जाता है। बाकी शहरों में गीले व सूखे कचरे को ही अलग किया जाता है। इंदौर में गीले-सूखे कचरे के अलावा प्लास्टिक, घरेलू खतरनाक वेस्ट, इलेक्ट्रिक और सेनेटरी आदि छह तरह के कचरे को अलग-अलग डस्टबिन में रखा जाता है।