छत्तीसगढ़ विधानसभा के नए नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल को बनाया गया है। BJP विधायक दल की बैठक में बुधवार को प्रदेश प्रभारी डी. पुरंदेश्वरी ने उनके नाम की घोषणा की। साल 2023 के चुनावों में भाजपा एक नई टीम खड़ी कर सकती है। इस बैठक में प्रदेश के सह प्रभारी नितिन नवीन और संगठन के महामंत्री अजय जामवाल भी मौजूद रहे। नारायण चंदेल का नाम राष्ट्रीय संगठन के नेताओं के साथ चर्चा के बाद फाइनल किया गया है। BJP की इसे जातिगत समीकरण सेट करने की कोशिश माना जा रहा है। सांसद अरुण साव को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के बाद नारायण चंदेल को नेता प्रतिपक्ष बनाकर OBC चेहरे पर दांव खेला है। छत्तीसगढ़ के वोटरों का बड़ा वर्ग ओबीसी समुदाय से ताल्लुक रखता है। पिछले विधानसभा चुनावों में इस वर्ग ने कांग्रेस पर भरोसा जताया। कांग्रेस में शीर्ष नेताओं में भी कई ऐसे ओबीसी नेता है जो रिकॉर्ड मतों से जीते हैं। इसी फार्मूले को समझते हुए भारतीय जनता पार्टी ने 5 दिन पहले ही नया प्रदेश अध्यक्ष ओबीसी वर्ग से ही चुना।

नारायण चंदेल जांजगीर-चांपा से विधायक हैं। उनका जन्म 19 अप्रैल 1965 में हुआ था। उन्होंने अपना राजनीतिक जीवन 1980 से शुरू हुआ था। 1980 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के विभिन्न पदों पर 4 वर्षों तक रहने के दौरान उन्होंने अपनी अलग पहचान बनाई थी। जिसके बाद उन्हें 1984 से 86 तक जांजगीर नगर मंडल का अध्यक्ष बनाया गया था। इस बीच में अविभाजित बिलासपुर जिला के भारतीय जनता पार्टी के संगठन में जिला कार्यसमिति के सदस्य भी रहे। 1998 के विधानसभा चुनाव में ही उन्होंने जीत दर्ज की थी। इसके बाद 2008 के विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने चुनाव जीता। 2018 के विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने जीत दर्ज की है। इसके अलावा वह प्रदेश महामंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।