गोरखपुर। निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रदेश सरकार के मत्स्य पालन मंत्री डॉक्टर संजय निषाद के खिलाफ गोरखपुर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट  ने गैर जमानती वारंट जारी किया है। संजय निषाद कोर्ट में पेश नहीं हो रहे थे, तब कोर्ट ने एसओ शाहपुर को यह निर्देशित किया कि 10 अगस्त को गिरफ्तार कर उन्हें कोर्ट में पेश किया जाए और इसका वारंट जारी किया। दरअसल, यह मामला 7 जून 2015 का है, जब संजय निषाद ने 5 फ़ीसदी सरकारी नौकरियों में निषादों के आरक्षण की मांग को लेकर सहजनवा के कसरवल में धरना प्रदर्शन किया था। उस दौरान रेल रोको कार्यक्रम का आह्वान संजय निषाद ने अपने कार्यकर्ताओं से किया था। जिसके बाद दूर-दूर से हजारों कार्यकर्ता गोरखपुर आ गए। पहले आंदोलनकारियों ने मगहर में कबीर मठ पर जाकर शीश नवाया और उसके बाद रेलवे ट्रैक पर जाकर कब्जा कर लिया।
  आंदोलनकारी ट्रेन रोक कर बैठे हुए थे, और जब पुलिस ने उन्हें वहां से हटाने का प्रयास किया तो किसी ने पत्थर चला दिया। जिसके बाद हालत बेकाबू हो गए और पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। आंदोलनकारी इतने से नहीं माने तब पुलिस ने आंसू गैस के गोले और रबड़ बुलेट का भी इस्तेमाल किया। शाम होते-होते आंदोलनकारियों ने पुलिस के कई वाहन सहित आम आदमियों के कई वाहनों में आग लगा दी। इस दौरान वहां पर कई राउंड गोलियां चलीं, जिसकी चपेट में आए इटावा के अखिलेश निषाद की गोली लगने से मौत हो गई और कई कार्यकर्ता घायल हो गए। पुलिस ने किसी तरीके से हालत पर नियंत्रण पाया। उसके बाद तत्कालीन सहजनवा थाना अध्यक्ष श्याम लाल यादव ने डॉक्टर संजय निषाद समय 36 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। इस मुकदमे में डॉक्टर संजय निषाद पहले से जमानत पर है। न्यायालय द्वारा बार-बार हाजिर होने के आदेश देने के बाद भी संजय निषाद न्यायालय में पेश नहीं हो रहे थे, जिस कारण से  कोर्ट ने संजय निषाद के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया।
  कसरवल की इसी घटना के बाद संजय निषाद राजनीति में तेजी से सक्रिय होने लगे। 2017 के विधानसभा चुनाव में सियासी किस्मत आजमाई और सिर्फ एक सीट पर विजयी रहे। 2018 के गोरखपुर लोकसभा उपचुनाव में संजय निषाद में बड़ा दांव चलते हुए अपने बेटे प्रवीण निषाद को समाजवादी पार्टी के टिकट पर उप चुनाव लड़ा दिया। जिसके बाद गोरखपुर लोकसभा सीट पर इतिहास रचा गया। बीजेपी की सीट रही सदर लोकसभा पर समाजवादी पार्टी के प्रवीण निषाद विजयी हुए। 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले संजय निषाद बीजेपी गठबंधन में शामिल हो गए और अपने बेटे प्रवीण निषाद को संत कबीर नगर से सांसद बनवा दिया। 2022 के विधानसभा चुनाव में संजय निषाद की पार्टी बीजेपी के साथ चुनाव लड़ी और कई सीटों पर विजयी हुई। इसके बाद संजय निषाद एमएलसी बनाए गए और फिर कैबिनेट में उन्हें जगह मिली।