कानपुर । कानपुर में एक बड़ा हादसा टल गया। यहां सबर को उन्नाव से जोड़ने वाला पुराना गंगा पुल का एक हिस्सा अचानक धराशायी हो गया है। जानकारी के अनुसार, बुधवार को कानपुर की ओर से दसवीं कोठी का ऊपरी हिस्सा भरभरा कर गिर गया। 5 अप्रैल 2021 को पुराने गंगा पुल की चार कोठियों में दरार आने पर इसे वाहनों के लिए बंद करा दिया था। इसके बाद से इसे चालू कराने के लिये काफी प्रयास किए गए। 10वीं कोठी गंगा की बीच धारा में होने के कारण इसकी जानकारी नहीं हो पाई। मछुआरों की नजर पड़ी तो उन्होंने इसकी जानकारी दी। इस पर पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे। पैदल पुल को भी बंद कर दिया। उन्होंने बताया कि वास्तव में पुल जर्जर हालत में हैं।  यदि यातायात के लिये खोल दिया जाता तो बड़ा हादसा हो सकता है।
बता दें कि कानपुर को शुक्लागंज से जोड़ने के लिए 146 पहले इस पुल के निर्माण की शुरुआत की गई थी। अवध एंड रुहेलखंड कंपनी को इसका ठेका दिया गया था। जबकि इसका डिज़ाइन जेएम होपाई ने बनाया था 14 जुलाई 1975 को यह बनकर तैयार हो गया था।  इसकी लंबाई क़रीब 800 मीटर है। इसके दो हिस्सों में बनाया गया था।  इसके ऊपरी हिस्से से ट्रेन होकर गुजरती है।
दरअसल, कानपुर का काठ का पुल कानपुर की पहचान है।  कानपुर की पृष्ठभूमि पर बनी कई फिल्मों में इस पुल को दिखाया गया है।  हाल में आई आयुष्मान खुराना का फिल्म बाला में भी इसकी झलक देखने को मिली थी।  इसके अलावा कानपुर को लेकर कही जाने वाली प्रसिद्ध कहावत 'कानपुर कनकैया, ऊपर चले रेल का पहिया, नीचे बहें गंगा मइया' भी इसी पुल से प्रभावित होकर लिखी गई थी।  माना जा रहा है कि इस पुल के सुदृढ़ीकरण के बाद भी इस पर भारी यातायात चलना असंभव सा लगता है।