देश की आम जनता पहले से ही महंगाई के बोझ के तले दबी हुई है और उस पर कच्चे तेल में तेजी के चलते पेट्रोल-डीजल के रोज बढ़ रहे दामों ने इस बोझ को और भी बढ़ा दिया है। बीते सात दिनों में छह दिन पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़े हैं और इससे माल ढुलाई भी बढ़ गई है। इस बीच आम जनता पर एक अप्रैल यानी चार दिन बाद स्वास्थ्य के मोर्चे पर महंगाई का एक और बम फूटने वाला है। दरअसल, 800 दवाएं महंगी होने जा रही हैं।
गौरतलब है कि राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण ने बीते दिनों दवाओं के दाम बढ़ाने को अनुमति दी है। इसके तहत दर्द निवारक व विभिन्न संक्रमणों और हृदय, किडनी, अस्थमा से संबंधित मरीजों को दी जाने वालीं करीब 800 आवश्यक दवाएं नए वित्त वर्ष में 10.76 फीसदी तक महंगी हो जाएंगी। ये बढ़ी हुई दरें एक अप्रैल 2022 से लागू हो जाएंगी। बता दें कि मरीजों के लिए उपयोगी ये दवाएं राष्ट्रीय आवश्यक औषधि सूची के तहत मूल्य नियंत्रण में रखी जाती हैं। एनपीपीए की संयुक्त निदेशक रश्मि तहिलियानी के अनुसार, उद्योग प्रोत्साहन अैर घरेलू व्यापार विभाग के आर्थिक सलाहकार कार्यालय ने सालाना 10.76 फीसदी वृदि्ध की अनुमति दी है।