देश में लगातार बढ़ती महंगाई को काबू में करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा नीतिगत ब्याज दरों में बढ़ोतरी के फैसले में देरी को लेकर आलोचना करना अनुचित है। यह बात केंद्रीय बैंक के पूर्व गवर्नर डी सुब्बाराव ने बुधवार को एक साक्षात्कार के दौरान कही। इसके साथ ही उन्होंने जोर देते हुए कहा कि किसी भी केंद्रीय बैंक के लिए भविष्य का सटीक अनुमान लगाना बेहद कठिन है।गौरतलब है कि इस महीने की शुरुआत में आनन-फानन में बिना पूर्वनियोजित कार्यक्रम के बुलाई गई बैठक में मौद्रिक नीति समिति ने प्रमुख ब्याज दर बढ़ाने का फैसला किया है। आरबीआई ने रेपो रेट में 0.40 प्रतिशत की बढ़ोतरी की घोषणा की थी। अगस्त, 2018 के बाद यह पहला मौका था जब नीतिगत दर बढ़ाई गई। इस वृद्धि के बाद रेपो दरें 4 फीसदी से बढ़कर 4.40 फीसदी हो गई हैं। दरअसल, सुब्बाराव से बढ़ती महंगाई के बीच ब्याज दरों को बढ़ाने का फैसला पहले क्यों नहीं लेने के संबंध में सवाल पूछा गया था।