कीव । युद्धग्रस्त देश यूक्रेन में हमलों के सात महीने बाद रूस समर्थक गुटों के साथ मिलकर अपने कब्जे वाले चार क्षेत्रों में जनमत संग्रह कराने जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इस जनमत संग्रह की मदद से यूक्रेन के करीब 15 प्रतिशत हिस्से को अपने देश में शामिल करना चाह रहे हैं। यह क्षेत्र हंगरी जितना बड़ा है जिसमें यूक्रेन के लुहान्स्क, डोनेट्स्क, खेरसॉन और ज़ापोरिज़्ज़िया प्रांत शामिल हैं। हालांकि रूस के इस कदम को पश्चिमी देश अवैध और एकतरफा करार दे रहे हैं।
यूक्रेन के इन क्षेत्रों में रूस द्वारा स्थापित नेताओं ने मंगलवार को जनमत संग्रह कराये जाने की घोषणा की थी जिसे यूक्रेन समेत कई देशों ने मान्यता देने से मना कर दिया है। वहीं यूक्रेन के क्षेत्रफल का लगभग 15 हिस्सा लुहान्स्क, डोनेट्स्क, खेरसॉन और ज़ापोरिज़्ज़िया प्रांतों में मतदान शुक्रवार से मंगलवार तक चलने वाला है। पश्चिमी देशों को डर है कि रूस अपनी ओर परिणाम दिखाकर यूक्रेन के एक बड़े हिस्से को अपने देश में शामिल कर लेगा। आपको बता दें कि सोवियत यूनियन को फिर से खड़ा करने के पुतिन के ग्रैंड प्लान के तहत ही 2014 में रूस यूक्रेन से क्रीमिया भी हथिया चुका है।
रूस के जनमत संग्रह से चिंतित यूक्रेन ने अपने क्षेत्रों को रूस से आजाद कराने की बात दोहराई है। पत्रकारों से बातचीत में यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने कहा कि रूसी जो चाहें कर सकते हैं लेकिन उससे कुछ भी नहीं बदलेगा। उन्होंने आगे कहा कि यूक्रेन किसी भी हाल में अपने क्षेत्रों को रूस से आजाद कराएगा। ज्ञात हो कि यूक्रेन ने अपने क्षेत्रों को रूस से छुड़ाने के लिए अमेरिकी हथियारों की मदद से हमले तेज कर दिए हैं।