लखनऊ,| केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह अपने प्रचार को कैराना से धार देंगे। यहां का पलायन मुद्दा कई बार सुर्खियों में रहा है। शाह यहां पर पलायन से लौटे परिवारों से मुलाकात कर उन पर भरोसे का मरहम लगाएंगे। बीते दिनों मुख्यमंत्री योगी ने भी पलायन से लौटे परिवारों से मुलाकात की थी। उन्हें सुरक्षित रहने का भरोसा भी दिलाया था। भाजपा ने यहां से पूर्व सांसद हुकुम सिंह की बेटी मृगांका सिंह को टिकट दिया है। कैराना के बारे में दावा किया जाता है कि सांप्रदायिक तनाव की वजह से यहां के हिंदू अपना घर बेचकर पलायन के लिए मजबूर हो गए थे। साल 2017 के विधानसभा चुनाव कैराना से पलायन एक बड़ा मुद्दा बना था। पिछले साल अक्टूबर में अपने लखनऊ दौरे पर अमित शाह ने एक सभा में कहा था कि कैराना का पलायन याद करके मेरा तो खून ही खौल उठता है। इसी जनसभा में अमित शाह ने तंज कसा था कि पलायन कराने वालों का ही अब पलायन हो गया है।

केंद्रीय गृह व सहकारिता मंत्री अमित शाह कैराना में सपा सरकार में पलायन कर गए और बाद में लौटकर आए व्यापारियों व परिवारों से मुलाकात करेंगे। इसके बाद गृह मंत्री बागपत और शामली जिले के पार्टी के प्रत्याशियों और नेताओं को जीत का मंत्र देंगे। इससे साफ हो रहा है कि भाजपा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में विधान सभा चुनाव में कैराना पलायन मुद्दे को इस बार भी प्रमुखता से उठाने जा रही है।

भाजपा जिलाध्यक्ष सतेंद्र तोमर ने बताया कि गृहमंत्री कैराना में मोहल्ला गुंबद स्थित 70 साल पुरानी दुकान साधु स्वीट्स पर पहुंचेंगे और वहां पर वर्ष 2014 में बदमाशों के भय से पलायन करने के बाद भाजपा सरकार में वापस लौटे साधु स्वीट्स के मालिक राकेश गर्ग व अन्य चार-पांच परिवारों से मुलाकात करेंगे। उन्होंने बताया कि इस दौरान वह अन्य लोगों से भी मुलाकात करेंगे।

तीन महीने पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी पलायन के बाद कैराना वापस लौटे परिवारों के साथ बातचीत की थी। इस दौरान पीड़ित परिवारों और कैराना के लोगों ने योगी सरकार की जमकर तारीफ करते हुए कहा था कि भाजपा सरकार ने जो कहा था, वह कर दिखाया।

भाजपा पदाधिकारियों का कहना है कि अमित शाह कैराना कस्बे के जोड़वां कुआं मोहल्ला निवासी राकेश उर्फ टीटू के घर जाएंगे। यहीं पर वह गौरव गर्ग, लोकेश कुमार, सोनाक्षी मित्तल, रमन गर्ग और राजकुमार सिंघल के परिवार वालों से भी मुलाकात करेंगे। इसके बाद वह वैश्य धर्मशाला में भी कुछ लोगों से बात करेंगे। इस दौरान वे कैराना के सभी लोगों को भरोसा दिलाएंगे कि अब उन्हें गुंडे-बदमाशों से भयभीत होने की जरूरत नहीं है। अब यहां के लोगों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा पाएगा।

कैराना के पलायन पीड़ितों से मिलने के लिए योगी आदित्यनाथ नवंबर में यहां आए थे। यहां एक बच्ची को अपने बगल में बैठाकर मुख्यमंत्री ने पूछा था कि अब डर तो नहीं लगता। इसपर बच्ची ने कहा था कि जब आप हैं तो डर कैसा। वहीं बैठे स्वतंत्र देव ने कहा था कि बाबा के बगल में बैठी हो, अब बिल्कुल डरने की जरूरत नहीं है। यह ²श्य बताता है कि मुख्यमंत्री ने किस तरह इन पीड़ित परिवारों में भरोसा जगाया था कि अब प्रदेश में केवल कानून का राज है।

गौरतलब है कि गत नवंबर माह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव, कैबिनेट मंत्री सुरेश राणा, क्षेत्रीय अध्यक्ष मोहित बेनिवाल और सांसद प्रदीप चैधरी ने मूला पंसारी के पोते विजय मित्तल के घर पर भोजन भी किया था और पलायन से लौटकर आए लोगों के परिवार वालों से बात की थी। योगी ने उस समय पीड़ितों के स्वजन और जनसभा के दौरान पूरे जिले के लोगों को भरोसा दिलाया था कि अब कैराना में पलायन नहीं होगा और गुंडे-बदमाशों के लिए कैराना ही नहीं पूरे प्रदेश में कोई जगह नहीं है।