भोपाल : वित्त, योजना एवं आर्थिक सांख्यिकी मंत्री श्री जगदीश देवड़ा ने कहा है कि प्रदेश की अर्थ-व्यवस्था तेजी से बढ़ रही है। इसलिए आंकड़ों की शुद्धता और सटीक अनुमान के लिए डाटा संग्रहण तंत्र को निरंतर सजग रहने की आवश्यकता है। इसके लिए ज्यादा से ज्यादा स्तरों पर सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जाएगा। वित्त मंत्री श्री देवड़ा आज प्रशासन अकादमी में योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग द्वारा ‘‘मध्यप्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद के अनुमान तैयार करने की कार्य पद्धति एवं गणना’’ पर केन्द्रित कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे।

मंत्री श्री देवड़ा ने कहा कि राज्य की अर्थ-व्यवस्था के उद्योग समूहवार विश्लेषण में क्षेत्रीय लेखा सांख्यिकी की महत्वपूर्ण भूमिका है। राज्य के सामाजिक और आर्थिक क्षेत्र की अर्थ-व्यवस्था एवं विकास के स्तर के मूल्यांकन के लिए राज्य घरेलू उत्पाद के अनुमान ही एक महत्वपूर्ण संकेतक है। सुदृढ़ अर्थ-व्यवस्था के नियंत्रण एवं विकासात्मक योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए आंकड़े ही ठोस आधार है। उन्होंने विभागीय नवाचारी प्रयासों की सराहना भी की।

मंत्री श्री देवड़ा ने कहा कि प्रदेश का सकल राज्य घरेलू उत्पाद स्थिर भाव (वर्ष 2011-12) के आधार पर वर्ष 2019-20 के 5 लाख 75 हजार 554 करोड़ रूपये की अपेक्षा वर्ष 2020-21 में 5 लाख 64 हजार 514 करोड़ रूपये अनुमानित किया गया है, जबकि अग्रिम अनुमानों के आधार पर 10.12 प्रतिशत की वृद्धि के साथ वर्ष 2021-22 में सकल घरेलू उत्पाद 6 लाख 21 हजार 653 करोड़ रहने का अनुमान है।

मंत्री श्री देवड़ा ने कहा कि प्रचलित भावों पर सकल राज्य घरेलू उत्पाद 4.01 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाते हुए वर्ष 2019-20  के 9 लाख 38 हजार 602 करोड़ रूपये की तुलना में वर्ष 2020-21 में 9 लाख 76 हजार 281 करोड़ रूपये अनुमानित किया गया है। वर्ष 2021-22 हेतु आंकलित अग्रिम अनुमानों के अनुसार 19.74 प्रतिशत की वृद्धि के साथ ही यह 11 लाख 96 हजार 4 करोड़ रूपये रहने का अनुमान है।

वित्त मंत्री श्री देवड़ा ने कहा कि  वर्ष 2020-21 के लिए मध्यप्रदेश में प्रति व्यक्ति आय स्थिर भाव (वर्ष 2011-12) पर 58 हजार 334 रूपये है। प्रचलित भावों पर प्रति व्यक्ति आय वर्ष 2019-20 में 1 लाख 3 हजार 103 रूपये से बढ़ कर वर्ष 2020-21 में 1 लाख 4 हजार 894 रूपये अनुमानित की गई है, जो 1.74 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती है। अग्रिम अनुमानों के आधार पर वर्ष 2021-22 के लिए प्रति व्यक्ति आय स्थिर/प्रचलित भावों पर क्रमश: 63 हजार 345 रूपये एवं 1 लाख 24 हजार 685 रूपये आंकलित की गई है।

डेटा की गुणवत्ता जरूरी

प्रमुख सचिव योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी श्री मुकेश चन्द्र गुप्ता ने कहा कि सांख्यिकी अधिकारियों को डेटा की गुणवत्ता पर ध्यान देना चाहिए, क्योंकि आंकड़ों के आधार ही शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे प्रमुख विभागों की वास्तविक प्रगति पता चलती है। उन्होंने कहा कि जल्दी ही सांख्यिकी विभाग की गतिविधियाँ आनलाइन संपादित होंगी।

पूर्व महानिदेशक राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय, भारत सरकार, नई दिल्ली श्री आशीष कुमार ने कहा कि आंकड़ों की आवश्यकता अनुसार कम्प्यूटरीकरण होना चाहिए। इसके लिये कौशल प्रशिक्षण देना और डाटा की शुद्धता बढ़ानी चाहिए।

मध्यप्रदेश है अनुशासित प्रदेश

भारत के मुख्य सांख्यिकीविद् एवं पूर्व सचिव श्री प्रवीण श्रीवास्तव ने कहा कि भारत सरकार ने 5 ट्रिलियन अर्थ-व्यवस्था का लक्ष्य तय किया है। इस लक्ष्य को हासिल करने में मध्यप्रदेश को अपनी क्षमता बढा़नी होगी। उन्होंने कहा कि इस काम में संलग्न अमले की कार्य क्षमता को बढ़ाना होगा। उन्होंने कहा कि शुद्ध आंकड़ों के आधार पर ही नीति-निर्माण की नींव रखी जाना चाहिए। पुराने तरीकों को बदलना होगा। डाटा संग्रहण सिस्टम को आधुनिक बनाना होगा। हमेशा अदयतन आंकड़ों का ही उपयोग होना चाहिए।

पूर्व विभागाध्यक्ष अर्थशास्त्र अध्ययनशाला इंदौर के श्री गणेश कावड़िया ने कहा कि डाटा आर्थिक विकास का मुख्य स्त्रोत है। उन्होंने कहा कि पाँच ट्रिलियन अर्थ-व्यवस्था बनाने में मध्यप्रदेश का ज्यादा से ज्यादा योगदान जरूरी है। देश के आर्थिक विकास में मध्यप्रदेश का योगदान तेजी से बढ़ रहा है। मध्यप्रदेश अनुशासित प्रदेश है और केन्द्र की योजनाओं के क्रियान्वयन में अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। उन्होंने कहा कि डाटा संग्रहण  में विश्वविद्यालय के विदयार्थियों का भी उपयोग करना चाहिए।

आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के आयुक्त श्री अभिषेक सिंह ने उपस्थित मंत्री सहित सभी विशेषज्ञों का आभार व्यक्त किया। संयुक्त संचालक श्री व्ही.एस. धपानी सहित योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।