नई दिल्ली । देश में महंगाई की मार से जनता बेहाल है। भले ही सरकार दूसरे देशों के आंकड़े पेश करके भारत में कीमतें कम होने का दावा रही हो। लेकिन बीते एक साल में खाने से लेकर ईंधन तक की कीमतों में आई तेजी ने लोगों की जेब का खर्च बढ़ा दिया है। आटा, दूध, दालों की कीमतें या फिर खाने के तेल या पेट्रोल-डीजल के दाम सालभर में बड़ा अंतर आया है। लोग पर महंगाई की मार किस कदर बढ़ गई है, इसका अंदाजा आटे की बढ़ती कीमतों के देखकर लगाया जा सकता है। लोगों के लिए दो जून की रोटी खाना भी मुश्किल हो रहा। देश में गेहूं की बंपर पैदावार के बाद भी आटे की खुदरा कीमतें 12 वर्ष के उच्च स्तर पर हैं। एक साल में ही आटे का दाम 9.15 फीसदी तक बढ़ चुका है। बीते 7 मई 2022 में जारी नागरिक आपूर्ति विभाग के जारी आंकड़े के अनुसार गेहूं के आटे का औसत खुदरा मूल्‍य 32.78 रुपये प्रति किलोग्राम था। पिछले साल की समान अवधि में यह कीमत 30.03 रुपये प्रति किलोग्राम थी।
सिलेंडर की कीमतों में सालभर में तेज बढ़ोतरी देखने को मिली है। पिछले एक साल में घरेलू एलपीजी सिलेंडर के दाम दिल्ली में 200 रुपये प्रति सिलेंडर से ज्यादा बढ़ चुके हैं। एक साल पहले दिल्ली में 14.2 किलो वाले एलपीजी सिलेंडर की कीमत 834.50 रुपये थी, जो फिलहाल 1053 रुपये पर आ गई है। सोमवार 1 अगस्त को कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर के दाम 36 रुपये घटाए गए, लेकिन घरेलू सिलेंडर की कीमतों में बदलाव नहीं किया गया। आज भी दिल्ली-मुंबई में यह 1053 रुपये , कोलकाता में 1079 और चेन्नई में 1068.50 रुपये का मिल रहा है। 31 जुलाई 2021 को दिल्ली में पेट्रोल 101.84 रुपये और डीजल 89.87 रुपये प्रति लीटर पर था। हालांकि, फिलहाल भी कीमतें इसी के आसपास हैं।  लेकिन ये स्तर सरकार की ओर से उत्पाद शुल्क में की गई कटौती के बाद पाया जा सका है। पेट्रोल-डीजल का दाम पिछले साल की समान अवधि की तुलना में अभी क्रमशः 96.72 रुपये प्रति लीटर और 89.62 रुपये प्रति लीटर है। साल 2021 में ईंधन की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि देखने को मिली थी.
खाने के तेल की कीमतों में भी बीते एक साल में जोरदार इजाफा हुआ है। हालांकि, सरकार ने इस पर लगाम लगाने के लिए कदम उठाए और कंपनियों को निर्देश जारी किए। इसके बाद कुछ नरमी देखने को मिली, लेकिन अभी भी यह पिछले साल के मुकाबले ज्यादा हैं। पाम तेल की कीमत जून में 156.02 रुपये प्रति किलो से कम होकर जुलाई में 143.81 रुपये प्रति किलो हो गई, लेकिन इसका खुदरा भाव अभी भी सालभर पहले के 131.09 रुपये प्रति किलोग्राम की तुलना में 9.70 फीसदी ज्यादा है। सोयाबीन एक महीने में यह 169.7 रुपये प्रति किलो से कम होकर 164.43 रुपये पर आ गया, लेकिन पिछले साल की समान अवधि में 148.82 रुपये प्रति किलोग्राम से यह अभी भी 10.49 फीसदी अधिक हैं।