सिवनी ।  मध्य प्रदेश रेंजर एसोसिएशन सहित अन्य वन कर्मचारी संगठनों ने लटेरी वन विभाग में पदस्थ अधिकारियों-कर्मचारियों पर हत्या का प्रकरण दर्ज कर जेल भेजे जाने की कार्रवाई का विरोध करते हुए 16 अगस्त मंगलवार को शासन द्वारा आत्मरक्षा के लिए दिए गए 12 बोर बंदूक और 12 बोर पंप एक्शन गन और रिवाल्वर वनमंडल कार्यालय में जमा कर विरोध जाहिर किया है। सिवनी के पेंच टाइगर रिजर्व के अलावा दक्षिण-उत्तर सामान्य वनमंडल व अन्य वनमंडल कार्यालय में पदस्थ सभी अधिकारियों-कर्मचारियों ने मंगलवार को वनमंडल कार्यालय में अपनी बंदूक व अन्य आग्नेय शस्त्र जमा कर दिए हैं। अधिकारियों को दिए गए ज्ञापन में लटेरी में वन अधिकारियों पर की गई कार्रवाई पर विरोध जताया गया है। पेंच टाइगर रिजर्व कार्यालय में रेंजर नितेंद्र चिचखेड़े, प्रदीप बोपचे, स्वाति सिन्हा, रुचि पटेल, सौरव चौबे, राहुल उपाध्याय, आशीष खोब्रागडे, विलास डोंगरे, सपन ताम्रकार, डिप्टी रेंजर सतीराम उइके, तेजीलाल उइके सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे। गौरतलब है कि 9 अगस्त को जंगल की सुरक्षा के दौरान लटेरी वन विभाग में लकड़ी तस्करों से वन अमले की हुई मुठभेड़ में दोनों तरफ से हुई फायरिंग में एक अपराधी की मौत हो गई थी। इस मामले में वन अधिकारियों व वनकर्मियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज कर जेल अभिरक्षा में बिना मजिस्ट्रियल जांच के निरुद्ध कर दिया गया है। इस पक्षपात पूर्ण कार्रवाई का विरोध करते हुए सभी वन अधिकारियों-कर्मचारियों ने जिला स्तर से भोपाल मुख्यालय स्तर पर उत्कृष्ट कार्यो के लिए मिलने वाले पुरस्कार, प्रशस्ति पत्र लेने से इंकार कर दिया है। स्टेट फारेस्ट रेंज आफिसर्स (राजपत्रित) एसोसिएशन के आव्हान पर 16 अगस्त को मैदानी अमले को सुरक्षा के लिए प्रदाय किए गए सभी शासकीय हथियार भी अपने वनमंडल कार्यालय में जमा कर दिए गए हैं। एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष अमित सोनी ने बताया कि मध्यप्रदेश के 16 वन वृत्त के करीब 50 से ज्यादा वनमंडल के वन अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा प्रशस्ति पत्र के तौर पर मिलने वाले सम्मान का बहिष्कार करते हुए अपने हथियार कार्यालय में जमा कर दिए हैं।