भोपाल    आप से बेहतर तो बाल कांग्रेस काम कर रही है, उनमें ज्यादा उत्साह नजर आती है। यह बात पीसीसी चीफ कमलनाथ ने गुरुवार को भोपाल में प्रदेश कांग्रेस कमेटी की बैठक में कही। बैठक में विधायकों, विधानसभा, लोकसभा, मेयर के पूर्व प्रत्याशी, जिला प्रभारी, सह प्रभारी के अलावा प्रकोष्ठों के अध्यक्ष भी शामिल हुए। सही तरीके से काम नहीं होने पर कमलनाथ जमकर उखड़े। बताया जा रहा है कि फटकार के बाद विधायक जीतू पटवारी, सचिन यादव और प्रवीण पाठक बैठक से बाहर निकल गए। मप्र में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने तैयारियां तेज कर दी हैं। हाल ही में हुए नगरीय निकाय के चुनाव में कांग्रेस को 5 नगर निगमों में मिली कामयाबी के बाद अब जमीनी स्तर पर संगठन की मजबूती के प्रयास तेज हो गए हैं। पीसीसी चीफ कमलनाथ ने जमीनी स्तर पर कांग्रेस के संगठन को खड़ा करने की कमान अपने हाथ में ली है। वे विधायकों और व्यक्ति विशेष के बजाए संगठन की कमान जिला प्रभारियों और सह प्रभारियों के हाथों में सौंपने की तैयारी में हैं। विधायकों से जिलाध्यक्षों का प्रभार वापस लेकर फुल टाइम वर्कर को जिला कांग्रेस कमेटी की कमान सौंपी जा रही है।

बदले जाएंगे निष्क्रिय जिलाध्यक्ष

निकाय चुनाव में गड़बड़ी करने वाले और निष्क्रिय जिलाध्यक्षों की छुट्‌टी हो सकती है। पीसीसी से मिली जानकारी के मुताबिक करीब 10 जिलों के जिला अध्यक्षों को बदला जा सकता है। प्रदेश स्तर से जारी होने वाले संगठन के कामों में ढ़ील बरतने वाले जिलाध्यक्षों को बदलकर सक्रिय कार्यकर्ताओं को मौका दिया जा सकता है।

दलबदल के बाद हार से बचने की कवायद

दरअसल, 2018 में करीब 15 साल बाद मप्र में कांग्रेस की सत्ता में वापसी हुई लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ 22 विधायकों ने बीजेपी का दामन थाम लिया था। दलबदल के बाद हुए उपचुनाव में कांग्रेस को कई क्षेत्रों में करारी हार का सामना करना पड़ा था। कांग्रेस के संगठन की कमान व्यक्ति विशेष के बजाए विचारधारा वाले कार्यकर्ताओं के हाथ में देने के लिए कमलनाथ बदलाव कर रहे हैं। पीसीसी के एक पदाधिकारी ने बताया कि यदि किसी नेता विशेष के हिसाब से संगठन में नियुक्तियां होतीं हैं यदि नेता पार्टी छोड़ देता है तो उस इलाके में संगठन का काम कमजोर पड़ जाता है। अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए अब कमलनाथ चाहते हैं कि संगठन का काम कांग्रेस की विचारधारा वाले कार्यकर्ताओं को दिया जाए और बूथ से लेकर ब्लॉक, जिला स्तर के संगठन की कमान जिला प्रभारियों और सह प्रभारियों के हाथ में हो।

नाथ के साथ दिग्गी पढ़ाएंगे समन्वय का पाठ

मप्र कांग्रेस कार्यालय में आज होने वाली पूर्व सीएम और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह सहित तमाम पदाधिकारियों को समन्वय का पाठ पढ़ाते हुए नजर आएंगे। जिलों में कांग्रेस को मजबूती देने के लिए मप्र कांग्रेस ने प्रभारियों और सह प्रभारियों की नियुक्ति भी की है। आज की बैठक को लेकर मप्र कांग्रेस मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष नरेन्द्र सलूजा ने बताया इस बैठक में जिलों के प्रभारी, सह प्रभारी, जिलाध्यक्षों और विभाग-प्रकोष्ठों की एक ज्वाइंट मीटिंग होगी। जिसमे सभी के कामों की समीक्षा की जाएगी। जमीनी स्तर पर संगठन के विस्तार को लेकर किए गए कामों की समीक्षा भी होगी।

निकाय चुनाव में बढ़ी नेताओं में नाराजगी

हाल ही में संपन्न हुए नगरीय निकाय के चुनावों में टिकट बंटवारे से लेकर नगर निगम अध्यक्ष, और एमआईसी मेंबर्स की भागीदारी को लेकर कांग्रेस के कई विधायक नाराज हैं। जबलपुर के विधायक संजय यादव, विनय सक्सेना और चंबल के भी कुछ विधायक नाराज चल रहे हैं। मुरैना कांग्रेस के जिलाध्यक्ष राकेश मावई ने व्यक्तिगत व्यस्तताओं का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया। कमलनाथ ने नाराज चल रहे विधायकाें को अपने बंगले पर बुलाकर चर्चा की।

दो नावों की सवारी करने वाले नेताओं की लिस्ट भी हो रही तैयार

पीसीसी को मिली रिपोर्ट के मुताबिक कई कांग्रेस के नेताओं ने नगर पालिका, नगर परिषद और जनपद अध्यक्ष बनने के लिए अघोषित रुप से बीजेपी को समर्थन दे दिया। ऐसे नेताओं की रिपोर्ट भी पीसीसी को मिली है जो बीजेपी नेताओं से करीबियां बढ़ा रहे हैं और भाजपा के कार्यक्रमों में शामिल हो रहे हैं। पीसीसी ने दो नावों की सवारी कर रहे ऐसे नेताओं की भी जानकारी मंगाई है।