ग्वालियर ।  विशेष सत्र न्यायाधीश सुशील कुमार जोशी ने मुरैना की सुमावली विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक अजब सिंह कुशवाह, उनकी पत्नी शीला कुशवाह व कृष्ण गोपाल चौरसिया को दो-दो साल की सजा सुनाई है। साथ ही दस-दस हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है। तीनों को जमानत मिल गई है। दोषियों ने प्लाट के नाम पर धोखाधड़ी की थी। एक प्लाट दो लोगों को बेच दिया था। तीनों के खिलाफ ग्वालियर के महाराजपुरा थाने में केस दर्ज किया गया था। अब यदि अजब सिंह कुशवाह जनप्रतिनिधि कानून 1951 की धारा 8(2) के दायरे में आते हैं तो उनकी विधायकी चली जाएगी और छह साल तक चुनाव भी नहीं लड़ सकते हैं। पूर्व शासकीय अधिवक्ता भारत सिंह कौरव के अनुसार अभी अजब सिंह के पास अपील का मौका है। 6 अक्टूबर 2012 को फरियादी पीएल शाक्य ने महाराजपुरा थाने में एक शिकायती आवेदन दिया था। उनकी ओर से बताया गया कि अजब सिंह कुशवाह, उनकी पत्नी शीला कुशवाह, उनके साथी कृष्ण गोपाल चौरसिया ने महाराजपुरा क्षेत्र में सर्वे क्रमांक 516, 517 का 1600 वर्गफीट का प्लाट सात लाख 47 हजार पांच सौ रुपये नगद लेकर विक्रय किया था। जब पीएल शाक्य उस प्लाट पर निर्माण करने पहुंचे तो पता चला कि उस प्लाट को अजब सिंह ने किसी दूसरे को बेच दिया है और उसने निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया है। आरोपितों ने छलपूर्वक उस प्लाट को बेचा था। जो प्लाट बेचा था, वह शासकीय भूमि पर था। पीएल शाक्य ने अजब सिंह कुशवाह, शीला कुशवाह व कृष्ण गोपाल चौरसिया से रुपये वापस मांगे तो उन्होंने जाति सूचक गालियां दीं और धमकी देते हुए भगा दिया। जिसके बाद महाराजपुरा थाना पुलिस ने तीनों आरोपितों के खिलाफ धोखाधड़ी, षड्यंत्र रचने व एट्रोसिटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया। जांच के बाद न्यायालय में चालान पेश किया गया। विशेष लोक अभियोजक अभिषेक मेहरोत्रा ने कोर्ट में तर्क दिया कि अजब सिंह कुशवाह वर्तमान में विधायक हैं। उन्होंने जो अपराध किया है व समाज के विश्वास को क्षति पहुंचाने वाला है। इसलिए कठोर सजा सुनाई जाए। आरोपित ने बचाव में तर्क दिया कि उन्हें झूठा फंसाया गया है। सजा देने में नरमी बरती जाए। कोर्ट ने तीनों आरोपितों को दो-दो साल की सजा सुनाई है। आरोपितों से अर्थदंड के जो पैसे जमा होंगे, उसमें से 25 हजार रुपये प्रतिकर के रूप में फरियादी को दिए जाएं।