अलीगढ़ । मंगलायतन विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस पर वेबिनार का आयोजन किया गया। वेबिनार का विषय “भारत कैसे प्रौद्योगिकी आयात से प्रौद्योगिकी निर्यातक राष्ट्र में बदल रहा है“ था। कार्यक्रम का आयोजन मंगलायतन विश्वविद्यालय एवं भारतीय विज्ञान संचार सोसायटी द्वारा किया गया। कार्यक्रम में तकनीक और विज्ञान के क्षेत्र में देश को उपलब्धि हासिल कराने और इसे आम जनता तक पहुंचाने में योगदान देने वालों को याद करके धन्यवाद ज्ञापित किया गया।
आइएसडब्लूके के अध्यक्ष व मुख्य वक्ता डॉ. मनोज कुमार पटैरिया ने कहा कि प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों के लिए यह दिवस मनाया जाता है। इसी दिन पोखरण में सफल परमाणु परीक्षण करने के बाद भारत परमाणु क्लब में शामिल होने वाला छठा देश बना था। स्वदेश निर्मित हंस एयरक्राफ्ट और शॉर्ट-रेंज मिसाइल त्रिशूल का भी सफल परीक्षण किया था। मुख्य अतिथि भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के पूर्व सचिव प्रो. आशुतोष शर्मा ने कहा कि युवाओं में आत्म विश्वास, आत्म सम्मान व आत्म निर्भरता होनी चाहिए। ये तीनों होंगे तो सरस्वती को लक्ष्मी में बदल सकते हैं। अध्यक्षीय संबोधन में मंगलायतन विवि के कुलपति प्रो. केवीएसएम कृष्णा ने कहा कि देश के आर्थिक विकास में प्रौद्योगिकी का विशेष महत्व है। वैज्ञानिक व तकनीकी विकास के माध्यम से ही किसी राष्ट्र का सर्वांगीण विकास संभव है। डीन अकेडमिक प्रो. उल्लास गुरुदास ने कहा कि विभिन्न शोध के एकीकरण से उत्तम प्रौद्योगिक विकास संभव है। विज्ञान व तकनीक एकीकरण से हम आत्मनिर्भर हो सकते हैं। वहीं विशिष्ट अतिथि पूर्व सीएमडी एनआरडीसी प्रो. एच पुरुषोत्तम व लखनऊ विवि के छात्र कल्याण की डीन प्रो. पूनम टंडन ने भी विचार रखे। संयोजक डॉ. वीपी सिंह ने आभार व्यक्त किया। संचालन डॉ. काव्यांजलि शुक्ला ने किया। राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। वेबिनार में प्रो. आरके शर्मा, डा. राजीव शर्मा, डा. अशोक उपाध्याय, डा. संतोष गौतम, डा. अनुराग शाक्य, डा. राजेश उपाध्याय, डा. दीपशिखा सक्सेना, मोहन महेश्वरी, मनीषा उपाध्याय, मयंक जैन आदि मौजूद रहे।